हरियाणा

श्रीमद् भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है : सरपंच सुंदर लाल यादव

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

मानेसर नगर निगम के गांव भांगरौला स्थित इन्द्र की वाटिका में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के छठे दिन बीजेपी किसान मोर्चा के संयोजक सरपंच सुंदर लाल यादव भी कथा का गुणगान सुनने पहुंचे । उनके साथ भाजपा एनआरआई सेल के प्रदेश सह-संयोजक संजय यादव, दीपक यादव, हरीश यादव, धर्मबीर यादव, संजय यादव भी मौजूद रहे। कथा का गुणगान 10 से 16 मई तक किया जा रहा है, कथा के पहले दिन भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई। जिसमें काफी संख्या में महिलाओं ने शिरकत करके पुण्य धर्म का लाभ उठाया।
सभी ग्रामीणों को इस पावन कार्य की शुभकामनाएं देते हुए सरपंच सुंदर लाल यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। हम भागवत के एक-एक शब्द को अपने जीवन में ढालकर चलें और जीवन का नजरिया बदल सकता है। भगवान श्रीकृष्ण व श्रीराम के चरित्र को जीवन में अपनाएंगे तो हमारा मानव जीवन सार्थक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजन से नई पीढ़ी को संस्कृति का ज्ञान व संस्कारवान बनने की प्रेरणा मिलती है। भगवान श्रीकृष्ण की हर लीला हमें संस्कारवान बनने के लिए प्रेरित करती है। सरपंच सुंदर लाल यादव ने कहा कि आधुनिकता के युग में इंसान सिर्फ पैसे को ही भगवान समझ बैठा है। हर समय पैसे के पीछे दौड़ रहा है। पैसे में ही सुख व शांति दिखती है। सच्चाई यह है कि हमें सुख और शांति पाने के लिए भगवान के चरणा में लगना होगा। श्रीमद् भागवत जैसे ग्रंथ को पढऩा होगा। उन्होंने धार्मिक कार्यों में बढ़-चढक़र भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे हमारी प्रभु के प्रति आस्था बढ़ती है। इंसान को जीवन में एक बार श्रीमद् भागवत कथा पढऩी या सुननी जरूर चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण जी का स्वरूप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है, उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्य आदि कर्मो से बढक़र है। सरपंच सुंदर लाल यादव ने कहा कि जिस हरियाणा में हम रहते हैं, वहां के कुरुक्षेत्र की धरती पर भगवान श्रीकृष्ण जी ने गीता के ज्ञान का प्रकाश फैलाया। अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया। गुरुग्राम की धरती पर गुरू द्रोणाचार्य जी ने कौरवों, पांडवों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा दी। इस लिहाज से हमारा गुरुग्राम भी ऐतिहासिक है। यहां की कला और संस्कृति का संरक्षण हमें करना चाहिए। अपने बच्चों को अपने यहां के इतिहास से अवगत कराना चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा का गुनगान श्रद्धेय धर्मेंद्र कृष्ण गोपाल शास्त्री जी की मधुर वाणी से हो रहा है। इस अवसर आसपास के क्षेत्र से काफी महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं में मुख्य तौर पर विक्रम भांगरोला की ढाणी, जयप्रकाश प्रधान, ईश्वर सरपंच, पवन, राजू, ईन्द्र, साहील, रितिक, गणेशी, रितिक पुत्र पवन, हसंराज फौजी, हरिप्रकाश, सत्ते, हरिश, होशियार सिंह, सीताराम मास्टर, मुकेश, सुनील मास्टर,सजय, जरनैल सिंह, नरेंद्र शास्त्री आदि मौजूद रहे।

Back to top button